☀जय सियाराम☀

 
☀जय सियाराम☀
Ce Stamp a été utilisé 1 fois
सखि! रघुनाथ-रूप निहारु। सरद-बिधु रबि-सुवन मनसिज-मानभंजनिहारु॥ स्याम सुभग सरीर जनु मन-काम पूरनिहारु। चारु चंदन मनहुँ मरकत सिखर लसत निहारु॥ रुचिर उर उपबीत राजत, पदिक गजमनिहारु। मनहुँ सुरधनु नखत गन बिच तिमिर-भंजनिहारु॥ बिमल पीत दुकूल दामिनि-दुति, बिनिंदनिहारु। बदन सुखमा सदन सोभित मदन-मोहनिहारु॥ सकल अंग अनूप नहिं कोउ सुकबि बरननिहारु। दास तुलसी निरखतहि सुख लहत निरखनिहारु॥
Balises:
 
shwetashweta
Chargé par: shwetashweta

Noter cette image:

  • Actuellement 3.7/5 étoiles.
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5

6 Votes.